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भास्कर-1 पृथ्वी के संसाधन और रिमोट सेन्सिंग का पहला प्रयोगात्मक उपग्रह

Rina Gujarati 0
भास्कर-1

भास्कर-: I और II उपग्रह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा निर्मित दो उपग्रह थे जिन्होने भारत के पहले कम कक्षा पृथ्वी अवलोकन उपग्रह शृंखला का गठन किया। उन्होने टेलीमेटरी, समुद्र विज्ञान और जल विज्ञान पर आंकड़े जुटाए हैं।

भास्कर – 1


भास्कर – 1, जिसका वजन 444 किलोग्राम था को, कासपुतिन यार से 7 जून 1979 को इंटरकॉसमॉस प्रक्षेपण यान पर से प्रक्षेपित किया गया। यह भू – समीपक 394 किलोमीटर और 399 किलोमीटर की ऐपोजी कक्षा में 50.7 डिग्री के झुकाव पर रखा गया था।[1] उपग्रह के शामिल

दो टेलीविजन दृश्य (600 नैनोमीटर) सक्रिय कैमरों और निकट अवरक्त (800 नैनोमीटर) और जल विज्ञान, वानिकी और भूविज्ञान से संबंधित डेटा एकत्र करने हेतु।
उपग्रह 19 और 22 गीगाह्र्ट्ज़ पर संचालित माइक्रोवेव रेडियोमीटर (समीर) – सागर राज्य, जल वाष्प, वातावरण, आदि में तरल पानी की सामग्री के अध्ययन के लिए।
उपग्रह ने समुद्र और भूमि की सतह का डेटा प्रदान किया है। हालाँकि, बाद में कैमरे खराब हो गये। गृह व्यवस्था टेलीमेटरी 17 फ़रवरी 1993 पर पुनःप्रवेश तक प्राप्त की गई थी।

भास्कर – 2 :


भास्कर – 2, जो 436 किलोग्राम वजनी था को, 20 नवम्बर 1981 में कासपुतिन यार से प्रक्षेपित किया गया था। यह भारतीय उप महाद्वीप की 300 टेलीविजन छवियों की प्राप्ति के बाद परिचालित घोषित किया गया था। गृह व्यवस्था टेलीमेटरी 1991 तक प्राप्त की गई थी। इसने 30 नवम्बर 1991 पर कक्षा में पुनः प्रवेश किया। यह 368 किलोमीटर की भू – समीपक और 372 किलोमीटर की ऐपोजी कक्षा में 50.7 डिग्री के झुकाव पर स्थापित था।

Rina Gujarati

I am working with zigya as a science teacher. Gujarati by birth and living in Delhi. I believe history as a everyday guiding source for all and learning from history helps avoiding mistakes in present.

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