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राष्ट्रीय आम दिवस – 22 July – National Mango Day

Pankaj Patel 0
राष्ट्रीय आम दिवस

भारत मे राष्ट्रीय आम दिवस हर साल 22 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन के इतिहास के बारे मे और रसदार और स्वादिष्ट फल आम (Mango) के बारे में कुछ कम ज्ञात तथ्यों के बारे में जानना और समाज मे इसका प्रचार-प्रसार करना इसका उद्देश है।

ग्रीष्मकाल में आम का फल सबसे अधिक लोगों की पसंद है। मैंगो शेक, स्मूधी, मैंगो केक, मैंगो आइसक्रीम, जैसे अनेक व्यंजन हैं जो आम प्रेमियों द्वारा पसंद किए जाते हैं और शायद इसी लिए आम लोगो की पसंदीदा फल की सूची में सबसे ऊपर हैं। 22 जुलाई को राष्ट्रीय आम दिवस या मैंगो दिवस के रूप में मनाया जाता है।

केरल में, कन्नूर जिले के कन्नपुरम को हिंदू के अनुसार ‘स्वदेशी मैंगो हेरिटेज एरिया’ घोषित किया गया है। कन्नपुरम आम की विभिन्न देशी किस्मों का घर है। इस पंचायत विस्तार मे आम की 200 से अधिक किस्मे उगाई जाती है। केरल के कन्नूर जिले में, आम प्रेमी मई के प्रथम सप्ताह में फल पर दावत के लिए मिलन समारोह आयोजित करते हैं। लेकिन इस वर्ष (2020) महामारी के कारण कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा है।

आम के बारे में ये खास जाने:

आम का वैज्ञानिक नाम मैंगीफेरा इंडिका है और यह काजू परिवार (एनाकार्डिएसी) का एक सदस्य है। यह उष्णकटिबंधीय दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से उगाये जाने वाले फलों में से एक है। आम के पेड़ की उत्पत्ति पूर्वी एशिया, म्यांमार (बर्मा), और भारत के असम राज्य में मनी जाती है। जैसा कि हम जानते हैं कि आम विटामिन ए, सी, और डी के समृद्ध स्रोत हैं।

आम का फल पका हुआ खाया जा सकता है, इसका उपयोग अचार में हरे रंग में किया जाता है और यह एक मांसल फल है। यह भारत का राष्ट्रीय फल है। भारत में विभिन्न आकार-प्रकार और रंगों में आम की 100 से अधिक किस्में पाई जाती हैं, भारत में पुराने समय से ही आम की खेती की जाती रही है। हमारे प्रसिद्ध कवि कालीदास ने इसका गुणगान गाया हुआ है। यहां तक कि अलेक्जेंडर ने भी इसका स्वाद चखा था, और भारत आए चीनी तीर्थयात्री ह्युन त्सांग ने भी इसकी प्रसंशा कि थी। बिहार के दरभंगा में मुग़ल सम्राट अकबर द्वारा लाखी बाग नामक स्थान पर लगभग 100,000 आम के पेड़ लगाए गए थे।

राष्ट्रीय आम दिवस:

हमारे देश मे यह दिवस कब से मनाया जाता है इसका इतिहास और उत्पत्ति अज्ञात है लेकिन जैसा कि आम के बारे मे ऊपर चर्चा की गई है, उसके पीछे एक समृद्ध इतिहास है। भारत में 5000 साल पहले आम की खेती की जाती है। यह भारत के लोकगीतों और धार्मिक समारोहों से अटूट रूप से जुड़ा हुआ है। क्या आप जानते हैं कि आम का Mango नाम जो अंग्रेजी और स्पैनिश भाषी देशों में बोला जाना जाता है, वह मलयम ‘मन्ना’ से लिया गया है। पुर्तगाली 1498 में मसाला व्यापार के लिए केरल आए तो उन्होने मन्ना को मंगा के रूप में उच्चार किया और आगे जा के मेंगों हुआ। आम के पेड़ लगभग 1700 मे ब्राजील में लगाये गए थे और लगभग 1740 में यह वेस्ट इंडीज तक पहुंच गया। दुनिया मे सबसे अधिक इस रसदार फल की खेती ठंढ से मुक्त उष्णकटिबंधीय जलवायु में की जाती है।

आम के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

आम दुनिया में सबसे लोकप्रिय फल हैं, और अनेक उपयोगी एवं गुणकारी तत्वो से भरपूर है।

  • भारत में आम 5,000 साल पहले से उगाए जाते रहे है।
  • भारत में, एक खास पैस्ले पैटर्न विकसित किया गया था जो आम के आकार पर आधारित है।
  • भारत में आम की टोकरी को दोस्ती का प्रतीक माना जाता है।
  • दुनिया मे कहीं गुलाब तो कहीं कुछ और प्रेम के प्रतीक है, हमारे भारत में मैंगो प्यार का प्रतीक है।
  • किंवदंतियों के अनुसार, बुद्ध ने एक आम के पेड़ की शांत छाया के नीचे ध्यान लगाया था।
  • आम काजू और पिस्ता से संबंधित वर्ग मे आते है।
  • एक पका आम मे उसके वजन से 14% शुगर और वजन से 0.5% अम्ल होता है।
  • मैंगीफेरा इंडिका का अर्थ है “एक भारतीय पौधा जिस पर आम लगते है”।
  • आम के पेड़ की पत्तियों, त्वचा और गड्ढे की छाल का उपयोग सदियों से हमारे यहाँ लोक उपचार में किया जाता है।
  • 3/4 कप आमरस आपके दैनिक विटामिन सी का 50%, और आपके दैनिक विटामिन ए का 8% प्रदान करता है।

राष्ट्रीय आम दिवस के उपरांत १९८७ से भारत की राजधानी दिल्ली मे आम के प्रचार-प्रसार के लिए एक वार्षिक द्विदिवसीय उत्सव ‘अन्तर्राष्ट्रीय आम महोत्सव’ आयोजित किया जाता है। इसमें आम की किस्में प्रदर्शित की जाती हैं, साथ ही आम से संबंधित किसान, व्यापारी और आम के शौकीन लोग आते हैं, स्पर्धाएं आयोजित की जातीं हैं।

Pankaj Patel

कक्षा 12 मे जीव विज्ञान पसंद था फिर भी Talod कॉलेज से रसायण विज्ञान के साथ B.sc किया। बाद मे स्कूल ऑफ सायन्स गुजरात युनिवर्सिटी से भूगोल के साथ M.sc किया। विज्ञान का छात्र होने के कारण भूगोल नया लगा फिर भी नकशा (Map) समजना और बनाना जैसी पूरानी कला एवम रिमोट सेंसिंग जैसी नयी तकनिक भी वही सीखी। वॉशिंग पाउडर बनाके कॅमिकल कारखाने का अनुभव हुआ तो फूड प्रोसेसिंग करके बिलकुल अलग सिखने को मिला। मशरूम के काम मे टिस्यु कल्चर जैसा माईक्रो बायोलोजी का काम करने का सौभाग्य मिला। अब शिक्षा के क्षेत्र मे हुं, अब भी मै मानता हूँ कि किसी एक क्षेत्र मे महारथ हासिल करने से अलग-अलग क्षेत्रो मे सामान्य ज्ञान बढाना अच्छा है। Follow his work at www.zigya.com

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