हमारे देश मे हिचकी से जुड़े बहुत से रोचक टोटके हैं जैसे आपको हिचकी आ रही है तो कोई याद कर रहा होगा। सोचो कौन याद कर रहा है। सही नाम सोच लेने पर हिचकी रुक जाएगी। इसी तरह किसी को हिचकी चल रही है तो साथ वाला एकदम से कोई शॉक करने वाली बात कह देगा तो हिचकी रुक जाएगी l हालांकि पढ़ने मे यह थोड़ा मज़ाकिया है पर लोग इन् बातो मे विश्वास करते है l

हिचकी आना आम बात है और यह कभी भी कहीं भी आ सकती है। हिचकी आने के कई कारण हो सकते हैं । पाचन क्रिया की विकृति के कारण पेट में बदहजमी होने पर हिचकी आने लगती है। वृक्कों (गुर्दों) में सूजन होने पर भी हिचकी की उत्पत्ति होती है। हिस्टीरिया (Hysteria) रोग से पीड़ित लड़कियों को बहुत हिचकियां आती है।

हिचकी आने का कोई भी वास्तविक कारण अभी तक पुख्ता रूप से प्रमाणित नहीं हुआ है लेकिन इनका होना और फिर गायब हो जाना कई सारी चीजों से जुड़ा हुआ है।
वैज्ञानिक पहलू के अनुसार हिचकी हमारे डायफ़्राम के अचानक सिकुड़ने से आती है l डायफ़्राम एक माँसपेशी होती है जो छाती के खोखल (thoracic cavity) को हमारे पेट के खोखल (abdominal cavity) से अलग करती है. ये साँस लेने की प्रक्रिया में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अब सवाल उठता है कि डायफ़्राम का हिचकी से क्या रिश्ता है l होता ये है कि, डायफ़्राम को नियंत्रित करने वाली नाड़ियों में कुछ उत्तेजना होती है, जिसकी वजह से डायफ़्राम बार बार सिकुड़ता है, और हमारे फेफड़े तेज़ी से हवा अंदर खींचते हैं l इस क्रिया के कारण हिचकी आती है l

डायफ़्राम को नियंत्रित करने वाली नाड़ियों में उत्तेजना आने का कारण:

1 ज़ोर ज़ोर से हँसने से,

2.तेज़ मसाले वाला खाना खाने से,

3. जल्दी-जल्दी खाने या फिर पेट फूलने से हो सकता है

हवा आमतौर पर ये डकार से बाहर आ जाती है लेकिन कभी-कभी ये खाने की तहों (layer) के बीच फँस जाती है. हिचकी इस हवा को बाहर निकालने का उपाय है l

किसी भी स्त्री-पुरुष, बच्चे व वरिष्ठ को किसी समय भी हिचकी आ सकती है, लेकिन जब निरंतर हिचकी आने लगे तो रोगी के लिए मुसीबत बन जाती है। निरंतर हिचकी का आना रोगी के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। लगातार हिचकी आना भी एक तरह से बीमारी है। अगर सामान्य उपायों के बाद भी हिचकी ना रूक रही हो, तो डॉक्टर से राय कर लेना बेहतर होता है।

हिचकी कभी भी कहीं भी आ सकती है। हिचकी को लेकर आप काफी परेशान हो जाते हैं, लेकिन कई बार हिचकी को रोक पाना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कई सारे घरेलू उपाय इस स्थिति से उबरने में मदद कर सकते हैं।​

अपनी सांसों को रोके: एक लंबी सांस लें और उसे कुछ सेकेंड के लिये रोक कर रखें। जानकारों के मुताबिक जब फेफड़ों में जमा कार्बन डाइऑक्‍साइड भर जाएगा और डायफ्राम उसे निकालेगा तो हिचकी आना खुद-ब-खुद बंद हो जाएगी।
चीनी:  हिचकी आने पर तुरंत एक चम्मच चीनी का सेवन करें। इससे थोड़ी देर में ही हिचकी आना बंद हो जाएगी। घोल में चुटकी भर नमक भी मिला दे और इस पानी को थोड़ा-थोड़ा और धीरे-धीरे पीए। सीप कर पीने से हिचकी थोड़ी देर मे बंद हो जाती है।

नींबू और शहद: हिचकी आने पर एक चम्मच नींबू का ताजा रस निकालें। अब इसमें एक चम्मच शहद डालें। दोनों को मिलाएं और चाट लें। इससे से हिचकी बंद हो जाएगी।

धीरे-धीरे खाएं: कई बार तेज-तेज खाना खाने से भी हिचकी आने लगती है। खाना धीरे-धीरे चबा-चबा कर खाएं हिचकी आनी बंद हो जाती है। जल्दी खाना खाने और खाने के दौरान बेहद तीखा चीज खा लेने से हिचकी आने लगती है।

चॉकलेट पाउडर:  जब भी हिचकी की समस्या से परेशान हो तो तुरंत चॉकलेट पाउडर की एक चम्मच खा लें। इसे खाने से थोड़ी देर में हिचकी ठीक हो जाएगी।

काली मिर्च:  काली मिर्च थोडी सी चीनी या मिश्री का एक टुकडा मुंह में रखकर चबायें, और उसका रस चूंसते रहे, चाहे तो एक घूंट पानी पी सकते है, इससे तुरंद हिचकी बन्द हो जायेगी।

टमाटर:  हिचकी आने पर तुरंत टमाटर को खाएं, हिचकी ठीक हो जाएगी। साथ ही जब हिचकी आए तो एक चम्मच पीनट बटर लें और खाएं। इससे सांस लेने की प्रक्रिया में बदलाव होगा और हिचकी बंद हो जाएगी।

कई बार हिचकी अपने आप भी रुक जाती है। पर अगर ऐसा ना हो तो डॉक्टर से राय कर लेना चाहिए; डॉक्टर टेस्ट के जरिए यह स्पष्ट कर लेता है कि समस्या कहां है l और दवाओं के जरिए इसे काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। लेकिन कई मामलों में हिचकी की समस्या बहुत लम्बे समय तक भी जारी रह सकती है और ऐसे में धैर्य के साथ सही इलाज को पूरे समय अपनाने की जरूरत होती है

Rahul Kumar

Rahul Kumar is a member of Zigya's Science channel and oversees Chemistry as a subject. He has completed his Masters of Science in Chemistry from Punjab University. Rahul is always full of ideas and brings with him, the enthusiasm and charm to get people involved in them. Follow his work at www.zigya.com

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