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विश्व ब्रेनट्यूमर दिवस World Brain Tumor Day 8 जून

Pankaj Patel 0
विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस

विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस ( World Brain Tumor Day) ‘8 जून’ को हरसाल मनाया जाता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का यह मानना है कि विश्व भर में हर दिन एक लाख में से दस लोग ब्रेन ट्यूमर के कारण मरते हैं। ‘ब्रेन ट्यूमर दिवस’ पर विश्व के अनेक देशों में कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, जिनमें इस बीमारी के लक्षणों और इसके उपचार के बारे में आवश्यक जानकारियाँ दी जाती हैं। ब्रेन ट्यूमर हाल के वर्षो मे सबसे घातक बीमारियों में गिनी जाती है।

ब्रेन ट्यूमर या मस्तिष्क का केन्सर क्या है?

‘मस्तिष्क कैन्सर’ यानी ‘ब्रेन ट्यूमर’ एक खतरनाक रोग है। समय रहते इसका उचित इलाज नहीं कराया गया तो यह जानलेवा साबित होता है। जब मानव शरीर में किसी भी जगह कोशिकाओं की अनावश्यक वृद्धि हो, लेकिन शरीर के उस भाग या अंग मे इन अनावश्यक वृद्धि वाली कोशिकाओं की आवश्यकता न हो, तब इस अवस्था को ही कैंसर के नाम से जाना जाता है। ब्रेन यानि मस्तिष्क के किसी हिस्से में पैदा होने वाली असामान्य कोशिकाओं की अनावस्यक वृद्धि ब्रेन ट्यूमर के रूप में प्रकट होती है।

शुरुआत

वर्ष 2000 से प्रतिवर्ष 8 जून को ‘विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस को सबसे पहले जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन (डॉयचे हिरनट्यूमरहिल्फ़) द्वारा मनाया गया था। यह ब्रेन ट्यूमर के बारे में लोगों के बीच शिक्षा और जन-जागरूकता प्रसारित करने वाला एक गैर लाभकारी (non-prifit)संगठन है। जर्मनी में घातक ब्रेन ट्यूमर सामान्यत: पाया जाता है। इस बीमारी से अकेले जर्मनी में वर्ष 2016 मे आठ हज़ार से अधिक लोग पीड़ित थे। और दिन प्रतिदिन यह संख्या मे वृद्धि हो रही है। विश्व भर में प्रतिदिन ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित होने वाले सैकड़ो नए मामलों की जानकारी प्राप्त होती है। अधिकांश ट्यूमर से पीड़ित होने वाले रोगियों की संख्या ट्यूमर की तुलना में ब्रेन मेटास्टेसिस के कारण अधिक होती है। यह बच्चों में कैंसर का सबसे सामान्य प्रकार होता है।

हमारे देश में ब्रेन ट्यूमर

भारत में ब्रेन ट्यूमर की व्यापकता और प्रसार बढ़ता जा रहा है। बचपन में होने वाले कैंसर के अध्ययन के अनुसार, ब्रेन ट्यूमर लड़कियों में सामान्यत: ज्यादा पाया जाता है। यहाँ तक कि यह वयस्क स्त्री और पुरुष दोनों लिंगों में भी पाया जाता है। हालांकि स्थितियों के बीच कुछ भिन्नता हो सकती है। भारत सरकार ने ब्रेन ट्यूमर की रोकथाम, स्क्रीनिंग, रोग का जल्दी पता लगाने, निदान और अंतिम चरण में उपशामक देखभाल उपचार प्रदान करने के लिए अनेक उद्देश्यों की पूर्ति के साथ ‘राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम’ शुरुआत की है।

ब्रेन ट्यूमर के बारे में जानने लायक कुछ तथ्य

ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है।
ब्रेन ट्यूमर होने के सही कारण स्पष्ट नहीं है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण उनके आकार, प्रकार और स्थान पर निर्भर करते हैं।
वयस्कों के बीच प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर का सबसे सामान्य प्रकार एस्ट्रोसाइटोमा, मस्तिष्कावरणार्बुद और ओलिगोडेन्ड्रोग्लियोमा हैं।
बच्चों में पाए जाने वाले ब्रेन ट्यूमर का सबसे सामान्य प्रकार मेडुलोब्लास्टोमा, ग्रेड एक या ग्रेड दो एस्ट्रोसाइटोमा, (या तंत्रिकाबंधार्बुद) एपिन्डाइमोमा और ब्रेन स्टेम ग्लियोमा हैं।
ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित होने वाले ज़ोखिम के कारकों में पारिवारिक इतिहास एवं अधिक से अधिक संख्या में एक्सरे कराना हो सकते हैं।
चिकित्सक द्वारा ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित होने का निर्धारण, चिकित्सीय इतिहास, शारीरिक परीक्षण तथा ब्रेन एवं तंत्रिका तंत्र के विभिन्न महत्वपूर्ण परीक्षणों के आधार पर किया जाता हैं।
ब्रेन ट्यूमर के वैकल्पित उपचारों में शल्य चिकित्सा, विकिरण चिकित्सा और कीमोथेरेपी या उपचारों का समन्वय शामिल हैं।

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण ब्रेन के हिस्से में होने वाले बदलाव के आधार पर पैदा होते हैं। कुछ सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, दौरा, दृष्टि समस्या, उल्टी और मानसिक परिवर्तन जैसे लक्षण हो सकते हैं। रोगी सुबह सिरदर्द और उल्टी महसूस कर सकता है। अत्यधिक विशिष्ट समस्याएँ जैसे कि चलने, बोलने और इन्द्रियबोध में परेशानी हो सकती हैं।

उपचार

चिकित्सक ब्रेन ट्यूमर के प्रकार, ग्रेड और ट्यूमर की स्थिति तथा रोगी के सामान्य स्वास्थ्य के आधार पर उपचार की सलाह दे सकता है-

सर्जरी/शल्य-चिकित्सा
रेडियोथेरेपी
कीमोथेरपी
स्टेरॉयड
एंटी-सीज़र दवाएं
वेंट्रिकुलर पेरिटोनियल शन्ट

Pankaj Patel

कक्षा 12 मे जीव विज्ञान पसंद था फिर भी Talod कॉलेज से रसायण विज्ञान के साथ B.sc किया। बाद मे स्कूल ऑफ सायन्स गुजरात युनिवर्सिटी से भूगोल के साथ M.sc किया। विज्ञान का छात्र होने के कारण भूगोल नया लगा फिर भी नकशा (Map) समजना और बनाना जैसी पूरानी कला एवम रिमोट सेंसिंग जैसी नयी तकनिक भी वही सीखी। वॉशिंग पाउडर बनाके कॅमिकल कारखाने का अनुभव हुआ तो फूड प्रोसेसिंग करके बिलकुल अलग सिखने को मिला। मशरूम के काम मे टिस्यु कल्चर जैसा माईक्रो बायोलोजी का काम करने का सौभाग्य मिला। अब शिक्षा के क्षेत्र मे हुं, अब भी मै मानता हूँ कि किसी एक क्षेत्र मे महारथ हासिल करने से अलग-अलग क्षेत्रो मे सामान्य ज्ञान बढाना अच्छा है। Follow his work at www.zigya.com

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