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उत्तमो नातिवक्ता स्यात् अधमो बहु भाषते । न कान्चेन ध्वनिस्तादृक यादृक् कांस्ये प्रजायते ॥

Pankaj Patel 0
उत्तमो नातिवक्ता स्यात् अधमो बहु भाषते । न कान्चेन ध्वनिस्तादृक यादृक् कांस्ये प्रजायते ॥

उत्तमो नातिवक्ता स्यात् अधमो बहु भाषते ।
न कान्चेन ध्वनिस्तादृक यादृक् कांस्ये प्रजायते ॥

भावार्थ:

श्रेष्ठ व्यक्ति बहुधा वाचाल नहीं होते हैं पर निम्न श्रेणी के व्यक्ति बहुत वाचाल होते है। उसी प्रकार जैसे सोना (जो एक मूल्यवान धातु है) प्रहार किये जाने पर वैसी ध्वनि नहीं करता जैसी कम मूल्यवान पीतल या कांसे पर प्रहार करने से होती है।

English

Uttamo naativaktaa syaat adhamo bahu bhaashate.
Na kaanchena dhwanistaadruk yaadruk kaamsyo prajaayate.

Honorable persons are generally not talkative, whereas ordinary and lowly persons are very talkative. In the same manner as Gold (being a precious metal), on being hit produces a muted sound as against a loud sound produced by brass or gunmetal (which is cheaper).

(In this subhashita honorable and righteous persons are compared to Gold and ordinary persons to brass or gunmetal. taking a cue from the sound produced by these metals and their relative cost.)

Pankaj Patel

कक्षा 12 मे जीव विज्ञान पसंद था फिर भी Talod कॉलेज से रसायण विज्ञान के साथ B.sc किया। बाद मे स्कूल ऑफ सायन्स गुजरात युनिवर्सिटी से भूगोल के साथ M.sc किया। विज्ञान का छात्र होने के कारण भूगोल नया लगा फिर भी नकशा (Map) समजना और बनाना जैसी पूरानी कला एवम रिमोट सेंसिंग जैसी नयी तकनिक भी वही सीखी। वॉशिंग पाउडर बनाके कॅमिकल कारखाने का अनुभव हुआ तो फूड प्रोसेसिंग करके बिलकुल अलग सिखने को मिला। मशरूम के काम मे टिस्यु कल्चर जैसा माईक्रो बायोलोजी का काम करने का सौभाग्य मिला। अब शिक्षा के क्षेत्र मे हुं, अब भी मै मानता हूँ कि किसी एक क्षेत्र मे महारथ हासिल करने से अलग-अलग क्षेत्रो मे सामान्य ज्ञान बढाना अच्छा है। Follow his work at www.zigya.com

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