व्याख्या कीजिए कि कार्बन मुख्यतः सहसंयोगी आबन्ध द्वारा ही यौगिकों का निर्माण क्यों करता है। कार्बन द्वारा अत्यधिक संख्या में यौगिकों का निर्माण किए जाने के दो प्रमुख कारणों की संक्षेप में व्यख्या कीजिए। स्पष्ट कीजिए कि कारणों द्वारा अधिकांश अन्य तत्वों के साथ निर्मित आबंध प्रबल क्यों होते हैं?
कार्बन चार इलेक्ट्रानों को अपने सबसे बाहरी खोल में रखा जाता है और एक गैस इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिए 4 अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है। यह आयन का निर्माण नहीं कर सकता है, क्योंकि 4 संयोजक इलेक्ट्रानों को हटाने के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता है। इस प्रकार इस आयन के गठन में 6 प्रोटॉन और 2 इलेक्ट्रॉन होंगे, जो इसे अत्यधिक अस्थिर कर देंगे। कार्बन एक आयन का निर्माण नहीं कर सकता है, क्योंकि इसके प्रोटोकॉल के नाभिक 10 अवयवों को इंटरेक्लेक्ट्रोनिक प्रतिकर्षण के कारण नहीं रख सकते हैं। इसलिए, कार्बन को अन्य तत्वों के साथ अपने चार धरण इलेक्ट्रॉनों को साझा करके केवल एक महान गैस इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त होता है। इस प्रकार, यह सहसंयोजक बॉन्डों द्वारा मुख्य रूप से यौगिकों का निर्माण करता है।
कार्बन के लिए दो मुख्य कारण यौगिकों की एक बड़ी संख्या इस प्रकार है:
(a) कैटायनेशन: कार्बन की अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ बॉन्ड बनाने की क्षमता है। यह लंबे समय तक ब्रंचयुक्त चेन और रिंगों वाले यौगिकों का परिणाम है।
(b) टेट्रावलैन्सी: कार्बन के चार ध्रुव इलेक्ट्रॉन हैं, इसलिए यह 4 अन्य परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बन्ध बनाने में सक्षम है।
कार्बन का छोटा परमाणु आकार इलेक्ट्रॉनों के साझा युग्म को दृढ़ता से पकड़ने के लिए नाभिक बनाता है। इसलिए, कार्बन अधिकांश अन्य तत्वों के साथ मजबूत बन्ध बनाता है।
मानव मादा जनन तंत्र में निम्नलिखित के कार्य लिखिए :
अण्डाशय, अण्डवाहिका, गर्भाशय
भ्रूण को माँ के शरीर में पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
मानवों में गुणसूत्रों के कितने जोड़े होते हैं? इनमें से लिंग-सूत्र के जोड़ों की संख्या क्या है? मानवों में लिंग सूत्र कितने प्रकार के होते हैं?
किसी नवजात शिशु का लिंग, मात्र संयोग है तथा जनकों (माता-पिता) में से किसी को भी इसका उत्तरदायी नहीं माना जा सकता है। इस कथन की पुष्टि किसी नवजात शिशु के लिंग निर्धारण की प्रक्रिया को दर्शाने वाले प्रवाह आरेख को खींचकर कीजिये।
(a) प्रकाश के अपवर्तन का नियम लिखिए। किसी माध्यम के निरक्षेप अपवर्तनांक की व्याख्या कीजिए और निर्वात में प्रकाश की चाल के साथ इसके सम्बन्ध को दर्शाने वाला व्यंजक लिखिए।
(b) दो माध्यमों 'A' और 'B' के निरपेक्ष अपवर्तनांक क्रमशः 2.0 और 1.5 हैं। यदि माध्यम 'B' में प्रकाश की चाल 2x108 m/s है तो :
i) निर्वात
ii) माध्यम 'A'
में प्रकाश की चाल परिकलत कीजिए।
कोई उत्तल लेंस अपने सामने रखे किसी बिम्ब का सीधा विवर्धित प्रतिबिम्ब के साथ-साथ उल्टा विवर्धित प्रतिबिम्ब भी बन सकता है। इस कथन की पुष्टि के लिए प्रकाश किरण आरेख खींचिए तथा प्रत्येक प्रकरण में लेंस के सापेक्ष बिम्ब की स्थिति का उल्लेख भी कीजिए।
4 cm ऊँचाई का कोई बिम्ब १०क्म फोकस दूरी के अवतल लेंस से 20 cm दूरी पर स्थित है। लेंस सूत्र के उपयोग से लेंस द्वारा बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति निर्धारित कीजिए।
कोई छात्र लगभग 4 cm दूरी पर स्थित श्यामपट्ट पर लिखे अक्षरों को स्पष्ट नहीं देख पाता। यह छात्र जिस दृष्टि-दोष से पीड़ित है उसका नाम लिखिए। इस दोष के संसोधन की वियदि की व्याख्या कीजिए। इस :
(i) दृष्टि दोष तथा
(ii) इसके संसोधन
को दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए।