व्याख्या कीजिए कि कार्बन मुख्यतः सहसंयोगी आबन्ध द्वारा ही यौगिकों का निर्माण क्यों करता है। कार्बन द्वारा अत्यधिक संख्या में यौगिकों का निर्माण किए जाने के दो प्रमुख कारणों की संक्षेप में व्यख्या कीजिए। स्पष्ट कीजिए कि कारणों द्वारा अधिकांश अन्य तत्वों के साथ निर्मित आबंध प्रबल क्यों होते हैं?
मानव मादा जनन तंत्र में निम्नलिखित के कार्य लिखिए :
अण्डाशय, अण्डवाहिका, गर्भाशय
भ्रूण को माँ के शरीर में पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
मानव में मादा जनन-तंत्र के निम्नलिखित अंग हैं -
(a) अंडाशय - ये संख्या में दो होती हैं तथा प्राथमिक लैंगिक अंग होते हैं। ये ग्राफ़ियन फॉलिकल में अंड/डिंब उत्पन्न करती हैं। ये लगभग 3cm x 1.5cm x 1cm आकार की होती हैं। ये उदर गुहा में वृक्क के पास स्थित होती हैं। ये एक झिल्ली के द्वारा शरीर की भित्ति के साथ लटकी होती हैं।
(b) अंडवाहिनी - 1. प्रत्येक अंडवाहिनी अंडाशय से अंड ग्रहण करती है तथा उसे गर्भाशय तक स्थानांतरिक करती है ताकि उसका रोपण हो सके।
2. अंड का निषेचन भी अंडवाहिनी नली में ही होता है
(c) गर्भाशय - यह एक बड़ा लचीला थैला होता है जिसे गर्भाशय कहते हैं। इसमें दो डिंबवाहिनी नलिकाएँ खुलती हैं। इसका नीचे वाला पतला भाग ग्रीवा कहलाता है जो योनि में खुलता है
माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण एक रस्सी जैसी संरचना के साथ अपरा के माध्यम से जुड़ा होता है। अपरा गर्भाशय की भित्ति पर विकसित होता है। अपरा भ्रूण की ओर प्रवर्ध बनाता है तथा माँ के शरीर की ओर गुहाएँ, प्रवर्ध ग्लूकोज, अमीनो अम्ल, ऑक्सीजन आदि के अवशोषण के लिए वृहत क्षेत्र उपलब्ध करवाता है।
मानवों में गुणसूत्रों के कितने जोड़े होते हैं? इनमें से लिंग-सूत्र के जोड़ों की संख्या क्या है? मानवों में लिंग सूत्र कितने प्रकार के होते हैं?
किसी नवजात शिशु का लिंग, मात्र संयोग है तथा जनकों (माता-पिता) में से किसी को भी इसका उत्तरदायी नहीं माना जा सकता है। इस कथन की पुष्टि किसी नवजात शिशु के लिंग निर्धारण की प्रक्रिया को दर्शाने वाले प्रवाह आरेख को खींचकर कीजिये।
(a) प्रकाश के अपवर्तन का नियम लिखिए। किसी माध्यम के निरक्षेप अपवर्तनांक की व्याख्या कीजिए और निर्वात में प्रकाश की चाल के साथ इसके सम्बन्ध को दर्शाने वाला व्यंजक लिखिए।
(b) दो माध्यमों 'A' और 'B' के निरपेक्ष अपवर्तनांक क्रमशः 2.0 और 1.5 हैं। यदि माध्यम 'B' में प्रकाश की चाल 2x108 m/s है तो :
i) निर्वात
ii) माध्यम 'A'
में प्रकाश की चाल परिकलत कीजिए।
कोई उत्तल लेंस अपने सामने रखे किसी बिम्ब का सीधा विवर्धित प्रतिबिम्ब के साथ-साथ उल्टा विवर्धित प्रतिबिम्ब भी बन सकता है। इस कथन की पुष्टि के लिए प्रकाश किरण आरेख खींचिए तथा प्रत्येक प्रकरण में लेंस के सापेक्ष बिम्ब की स्थिति का उल्लेख भी कीजिए।
4 cm ऊँचाई का कोई बिम्ब १०क्म फोकस दूरी के अवतल लेंस से 20 cm दूरी पर स्थित है। लेंस सूत्र के उपयोग से लेंस द्वारा बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति निर्धारित कीजिए।
कोई छात्र लगभग 4 cm दूरी पर स्थित श्यामपट्ट पर लिखे अक्षरों को स्पष्ट नहीं देख पाता। यह छात्र जिस दृष्टि-दोष से पीड़ित है उसका नाम लिखिए। इस दोष के संसोधन की वियदि की व्याख्या कीजिए। इस :
(i) दृष्टि दोष तथा
(ii) इसके संसोधन
को दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए।