लेखक ने नेताजी का चश्मा पाठ में जिस कस्बे का वर्णन किया है वह बहुत बड़ा नहीं है। वह कत्या आम कस्बों जैसा है उसमें कुछ मकान पक्के थे। एक बाजार था। कस्बे में एक लड़कों का स्कूल था और एक लड़कियों का स्कूल था। एक छोटा-सा सीमेंट का कारखाना था। दो ओपन एयर सिनेमाघर थे। कस्बे में एक नगरपालिका थी।