कविता में एक भाव, एक विचार होते हुए भी उसका अंदाजे बयाँ या भाषा के साथ उसका बर्ताव अलग-अलग रूप में अभिव्यक्ति पाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए नीचे दी गई कविताओं को पढ़िए और दी गई फिराक की गजल-रुबाई में से समानार्थी पंक्तियाँ ढूँढिए। (क) मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों। (सूरदास) (ख) वियोगी होगा पहला कवि आह से उपजा होगा गान उमड़ कर आँखों से चुपचाप बही होगी कविता अनजान (सुमित्रानदंन पंत) (ग) सीस उतारे भुई धरे तब मिलिहैं करतार (कबीर) - Zigya
Advertisement

कविता में एक भाव, एक विचार होते हुए भी उसका अंदाजे बयाँ या भाषा के साथ उसका बर्ताव अलग-अलग रूप में अभिव्यक्ति पाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए नीचे दी गई कविताओं को पढ़िए और दी गई फिराक की गजल-रुबाई में से समानार्थी पंक्तियाँ ढूँढिए।

(क) मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों। (सूरदास)

(ख) वियोगी होगा पहला कवि

आह से उपजा होगा गान

उमड़ कर आँखों से चुपचाप

बही होगी कविता अनजान (सुमित्रानदंन पंत)

(ग) सीस उतारे भुई धरे तब मिलिहैं करतार (कबीर)


(क) बालक तो हई चाँद पै ललचाया है।

(ख) आबो-ताबे अशआर न पूछो तुम आँखें रक्खो हो, ये जगमग बैतों की दमक है या हम मोती रोले हैं।

(ग) ये कीमत भी अदा करे हैं हम बदुरुस्ती-ए-होशो-हवास

तेरा सौदा करने वाले दीवाना भी हो लें हम।

268 Views

Advertisement

फिराक गोरखपुरी

Hope you found this question and answer to be good. Find many more questions on फिराक गोरखपुरी with answers for your assignments and practice.

Aroh Bhag II

Browse through more topics from Aroh Bhag II for questions and snapshot.