सिंचाई किसे कहते हैं? जल संरक्षित करने वाली सिंचाई की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
जीवित रहने के लिए पौधों को जल की आवश्यकता होती है। पौधों में लगभग 90% जल होता है। फसल की स्वस्थ वृद्धि के लिए मिट्टी की नमी को बनाए रखने की आवश्यकता होती है जिसके लिए विभिन्न अंतराल पर खेत में जल देना सिंचाई कहलाता है।
जल संरक्षित करने वाली सिंचाई की दो विधियाँ निम्नलिखित हैं:
(i ) छिड़काव तंत्र- इस विधि का उपयोग असमतल भूमि, जहाँ पर जल काम मात्रा में उपलब्ध हो, के लिए किया जाता है। इसमें नालों के ऊपर घूमने वाले नोज़ल लगे होते हैं। जब पम्प से जल मुख्य पाइप में भेजा जाता है तो वह घूमते हुए नोज़ल से बाहर निकल वर्षा की भाँति छिड़काव करता है। वह विधि बुलाई मिट्टी के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
(ii ) ड्रिप तंत्र- इस विधि में जल बूँद-बूँद करके पौधों की जड़ों में गिरता है। अत: इसे ड्रिप तंत्र कहते हैं। फलदार पौधों, बगीचों एवं वरिक्षओ को पानी देने का यह सर्वोत्तम तरीका है।