शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य क्या है?
शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य निम्नलिखित है:
- शारीरिक विकास:-शारीरिक शिक्षा शारीरिक संस्थानों जैसे रक्त-संचार, श्वसन संस्थान, स्लायु -प्रणाली मांसपेशीय संस्थान और पाचन-प्रणाली का विकास करती है।
- मानसिक विकास: इसका उद्देश्य सामाजिक गुणों के विकास से संबंधित है। शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रमों में ऐसी कई क्रियाएँ होनी चाहिए जो मस्तिष्क को जागरूक करे, ध्यान मग्न करे और सही मापदंड दे।
- सामाजिक विकास: इसका उद्देश्य सामाजिक गुणों के विकास से है जो कि जीवन में अच्छे समायोजन के लिए जरूरी है। यह सहयोग, सम्मान, अच्छा खेल, संयम, खेलने की भावना, सांत्वना इत्यादि गुणों को सीखने में सहायक होता है।
- नाड़ी संस्थान तथा मांसपेशीय संस्थान में समन्वय: इसका उद्देश्य नाड़ी संस्थान व मांसपेशीय संस्थान के मध्य समन्वय स्थापित करने के लिए अवसर प्रदान करना है।
- भावनात्मक विकास: शारीरिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति का भावनात्मक विकास या संवेगात्मक विकास करना भी है। व्यक्ति में अनेक भावनाएँ या संवेग होते है जैसे खुशी, आशा, ईष्या, घृणा, डर, दुख, क्रोध, आश्चर्य कामुकता तथा एकाकी आदि। इन संवेगो के ऊपर व्यक्ति का उचित नियंत्रण न हो तो वह असामान्य व अनियंत्रित हो जाता है।
- स्वास्थ्य का विकास: इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सम्बन्धी आदतों का विकास करना है। संक्रामक रोगो से बचाव भी यही शिक्षा प्रदान करती है।