भारत के खाली राजनीतिक नक़
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विश्व के खाली राजनीतिक मानचित्र पर भारत के आलावा संघीय शासन वाले तीन देशों की अवस्थिति बताएँ और उनके नक़्शे को रंग से भरे l


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शासन के संघीय और एकात्मक स्वरूपों में क्या-क्या मुख्य अंतर है? इसके उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट करें।


एकात्मक सरकार संघात्मक सरकार
(i) एकात्मक सरकार में शासन का एक ही स्तर होता है। शक्तियों का केन्द्रीकरण होता है। केंद्र के पास सारी शक्तियाँ होती है। उदाहरण के लिए जापान।

(ii) एकात्मक सरकार में संविधान लिखित भी हो सकता है और अलिखित भी। उदाहरण के लिए इंग्लैंड।

(iii) एकात्मक सरकार छोटे देशों के लिए उपयुक्त है।

(iv) इस व्यवस्था में केंद्रीय सरकार राज्य को विशेष आदेश नहीं दे सकती।

(v) इसमें नागरिकों को एकहरी नागरिकता प्राप्त होती उदाहरण के लिए इग्लैंड में।

(i) इस सरकार में दो स्तरों की सरकार होती है। संघात्मक सरकार में शक्तियों का विभाजन केंद्र व प्रान्त के बीच होता है। उदाहरण के लिए भारत।

(ii) संघात्मक सरकार में संविधान लिखित होना आवश्यक है क्योंकि शासन में शक्तियों का बँटवारा होता है। उदाहरण के लिए भारत।

(iii) संघात्मक सरकार सरकार बड़े देशो के लिए उपयुक्त है।

(iv) इस व्यवस्था में केंद्रीय सरकार प्रांतीय या स्थानीय सरकार को आदेश दे सकती है। उदाहरण के लिए भारत में केंद्रीय सरकार प्रांतीय और स्थानीय सरकार को आदेश दे सकती है।


(v) इसमें नागरिकों को दोहरी नागरिकता प्राप्त होती उदाहरण के लिए अमेरिका में।

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भारत की संघीय व्यवस्था में बेल्जियम से मिलती-जुलती एक विशेषता और उससे अलग एक विशेषता को बताएँ।


समान विशेषता- भारत और बेल्जियम दोनों में मिलती-जुलती विशेषता यह है कि दोनों लोकतांत्रिक देश है।दोनों देशो में केंद्र सरकार राज्य सरकार से ज्यादा ताकतवर है। दोनों में त्रि-स्तरीय सरकार है।
भिन्न विशेषता- भारतीय संघ में कुछ राज्यों को विशेष दर्जा प्राप्त है। जैसे जम्मू-कश्मीर का अपना कानून है परन्तु बेल्जियम में सभी राज्यों के अधिकार सामान है। बेल्जियम की तरह भारत में विभिन्न संघ स्वयं आकर किसी राज्य या केंद्र से जुड़े नहीं हैं।

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1992 के संविधान संशोधन के पहले और बाद के स्थानीय शासन के दो महत्वपूर्ण अंतरों को बताइए।


1992 के संविधान के पहले और बाद के स्थानीय शासन में निम्नलिखित अंतर आए जो इस प्रकार है:
(i) 1992 के पहले स्थानीय सरकार के पास अपने कोई अधिकार या संसाधन नहीं थे। परन्तु 1992 के संविधान के बाद की राज्य सरकारों से यह अपेक्षा की गई, वे अपने राजस्व और अधिकारों के कुछ अंश स्थानीय सरकारों को देगी।
(ii) 1992 के पहले स्थानीय सरकारों के लिए नियमित रूप से चुनाव नहीं होते थे, परन्तु 1992 के संविधान के बाद नियमित रूप से चुनाव होने लगे।
(iii) 1992 के पहले महिलाओं के लिए, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए एवं पिछड़े वर्ग के लिए सींटे आरक्षित नहीं थी। जबकि 1992 के संविधान के बाद महिलाओं के लिए, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए एवं पिछड़े वर्ग के लिए भी सींटे आरक्षित की गई।

 

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भारत के खाली राजनीतिक नक़्शे पर इन राज्यों की उपस्थिति दर्शाएँ: मणिपुर, सिक्किम, छत्तीसगढ़ और गोवा l


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