मानव पूँजी निर्माण में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?
मानव संसाधन भूमि और भौतिक पूँजी अन्य संसाधन से कैसे भिन्न है?
मानव संसाधन भूमि और भौतिक पूँजी अन्य संसाधन से निम्न प्रकार से भिन्न है-
(i) मानव संस्धान का आर्थिक विकास की दृष्टि से दोहरा महत्व है। लोग विकास का साधन और साध्य दोनों है। एक और वे उत्पादन के साधन और दूसरी ओर वे अंतिम उपभोगकर्ता भी स्वयं ही है।
(ii) अन्य संसाधनों से भिन्न मानव संसाधन की एक विशेषता यह है कि शिक्षित और स्वस्थ लोगो के लाभ केवल उन तक ही सिमित नहीं है बल्कि उनका लाभ उन तक भी पहुँचता है जो अधिक शिक्षित और स्वस्थ भी नहीं है।
(iii) मानव संसाधन भूमि और पूंजी दोनों का प्रयोग कर सकता है किन्तु भूमि और पूंजी दोनों अपने आप उपयोग में नहीं आ सकती।
संसाधन के रूप में लोग से आप क्या समझते हैं?
(i) संसाधन के रूप में लोग वर्तमान उत्पादन कौशल और क्षमताओं के संदर्भ में किसी देश के कार्यरत लोगों का वर्णन करने का तरीका है।
(ii) उत्पादक पहलू की दृष्टि से जनसंख्या पर विचार करना सकल राष्ट्रीय उत्पाद के सृजन में उनके योगदान की क्षमता पर बल देना है।
(iii) जब इस विद्यमान मानव संसाधन को और अधिक शिक्षा और स्वास्थ्य द्वारा विकसित किया जाता है तब हम इसे मानव पूंजी निर्माण कहते हैं।
(iv) मानव को मानव पूँजी में निवेश बदलता है। एक मानव ही है जो भूमि और भौतिक पूँजी का सही उपयोग करता हैl बाद में दोनों अपने आप किसे कार्य को पूरा नहीं कर सकते।
मानव पूँजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है?
मानव पूँजी के निर्माण में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका हैं:
(i) शिक्षा अच्छी नौकरी और वेतन के रूप में फल देती है।
(ii) शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण है।
(iii) शिक्षा लोगों के लिए नए क्षितिज खोल देती हैl
(iv) शिक्षा जीवन के नए मूल्य विकसित करती है।
(v) शिक्षा राष्ट्रीय आय, सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ाती है और सामजिक विकास में भी वृद्धि करती है।
(vi) शिक्षा के माध्यम से देश के आर्थिक विकास में वृद्धि होती है।
(vii) शिक्षा,अच्छे ज्ञान और उत्तम प्रशिक्षण से देश के संसाधनों का उत्तम उपयोग करना सिखाती है।
प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रकों में किस तरह की विभिन्न आर्थिक क्रियाएँ संचालित की जाती हैं?