अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याओं की विवेचना कीजिए।
अर्थव्यवस्था की तीन केंद्रीय समस्याएँ निम्नलिखित हैं:
अर्थव्यवस्था की उत्पादन संभावनाओं से आपका क्या अभिप्राय है?
अर्थव्यवस्था की उत्पादन संभावनाओं से हमारा अभिप्राय वस्तुओं और सेवाओं के उन संयोगों से है, जिन्हे अर्थव्यवस्था में उपलब्ध संसाधनों की मात्रा तथा उपलब्ध प्रौद्योगिकीय ज्ञान के द्वारा उत्पादित किया जा सकता हैं।
सीमांत उत्पादन संभावना क्या है?
सीमांत उत्पादन संभावना से अभिप्राय उस वक्र से है, जो दो वस्तुओं के उन संयोगों को दर्शाती है, जिनका उत्पादन अर्थव्यवस्था के संसाधनों का पूर्ण रूप से उपयोग करने पर किया जाता है। यह एक वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई प्राप्त करने की अवसर लागत है।
उदाहरण के लिए: एक किसान के पास 50 एकड़ कृषि योग्य भूमि है। वह इस पर गेहूँ या गन्ना या फिर दोनों की खेती कर सकता है। एक एकड़ भूमि पर 2.5 टन गेहूँ या फिर 80 टन गन्ने का उत्पादन हो सकता है। गेहूँ का अधिकतम उत्पादन (2.5 x 50) 125 टन होगा जबकि गन्ने का अधिकतम उत्पादन (80 x 50) 4,000 टन होगा। गेहूँ और गन्ने की अधिकतम उत्पादन मात्रा को जोड़कर सीमांत उत्पादन संभावना वक्र को प्राप्त किया जा सकता है।
अर्थशास्त्र की विषय-वस्तु की विवेचना कीजिए।
अर्थशास्त्र की विषय-वस्तु आर्थिक इकाइयों का आर्थिक व्यवहार है जो वे व्यक्तिगत रूप में अथवा समूहों के रूप में करती है। अर्थशास्त्र की विषय-वस्तु को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जाता है:
विशिष्ट अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र में अध्ययन किए जाने वाले विषय निम्नलिखित है:
व्यष्टि अर्थशास्त्र की विषय-वस्तु | समष्टि अर्थशास्त्र की विषय-वस्तु |
1. उपभोक्ता का सिद्धान्त | 1. राष्ट्रीय आय तथा रोज़गार |
2. उत्पादक व्यवहार सिद्धान्त | 2. राजकोषीय और मौद्रिक नीतियाँ |
3. कीमत निर्धारण | 3. अपस्फीति तथा स्फीति |
4. कल्याण अर्थशास्त्र | 4. सरकारी बजट, विनिमय दर और भुगतान शेष |
केंद्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था तथा बाज़ार अर्थव्यवस्था के भेद को स्पष्ट कीजिए।
केंद्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था | बाज़ार अर्थव्यवस्था |
1. इस अर्थव्यवस्था में सभी उत्पादन साधनों पर सरकारी स्वामित्व होता है। | 1. इस अर्थव्यवस्था में उत्पादन साधनों पर निजी स्वामित्व होता है। अर्थव्यवस्था में व्यक्तियों को संपत्ति रखने व उत्तराधिकार का अधिकार होता है। |
2. इस अर्थव्यवस्था में सभी आर्थिक क्रियाओं का उद्देश्य सामाजिक कल्याण होता है। अर्थव्यवस्था में उत्पादन के लिए चल रही गतिविधियों का उद्देश्य समाज की आवश्यकताओं को पूरा करना होता है। | इस अर्थव्यवस्था में सभी आर्थिक क्रियाओं का उद्देश्य व्यक्तिगत लाभ कमाना होता है। इसमें उत्पादन केवल लाभ के उद्देश्य से किया जाता है और सामाजिक कल्याण को नजर-अंदाज किया जाता है। |
3. केंद्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था में माँग और पूर्ति की शक्तियों की स्वतंत्र अंतक्रिया का अभाव होता है। | 3. इस अर्थव्यवस्था में माँग और पूर्ति की शक्तियों की स्वतंत्र अंत-क्रिया का पूर्ण वर्चस्व होता है। |
4. इसमें सरकार उत्पादकों और परिवारों के निर्णय में हस्तक्षेप करती है। | 4. इसमें सरकार उत्पादकों और परिवारों के निर्णय में कोई हस्तक्षेप नहीं करती है। |
5. इसमें पूँजी के संचय की अनुमति नहीं दी गई है। | 5. अधिकारों के कारण पूँजी के संचय की अनुमति दी गई है। |
6. इसमें केंद्रीय समस्याओं का हल आर्थिक नियोजन द्वारा किया जाता है। | 6. इसमें केंद्रीय समस्याओं का हल कीमत तंत्र द्वारा स्वत: ही हो जाता है। |