बादलों के आने पर प्रकृति में जिन गतिशील क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है, उन्हें लिखिए।
बादलों के आने पर प्रकृति में निम्न गतिशील क्रियाएँ हुई-
1. पेड़ों द्वारा मेहमानों को गरदन ऊँची कर देखना।
2. आँधी का आना और धूल का उड़ना।
3. नदी का ठिठकना और बाँकी नज़र से देखना।
4. बुजुर्ग सदस्य पीपल का आगे बढ़कर मेहमान का स्वागत करना।
5. स्वागत में तालाब का परात भर पानी लाना।
6. बादलों के आने की सूचना बयार नाचते-गाते देती हुई चलती है।
7. आकाश में बिजली चमकना और वर्षा के बूंदों के रूप में मिलन के अश्रु बहाना।
8. उसके आगमन की सूचना में घर के खिड़की दरवाजे खुल जाते हैं।
भाव स्पष्ट कीजिए -
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
प्रकृति के अन्य सभी रूपो पर मेघ के आने का प्रभाव पड़ा है। नदी ठिठककर कर जब ऊपर देखने की चेष्टा करती है तो उसका घूँघट सरक जाता है और वह तिरछी नज़र से आए हुए आंगतुक को देखने लगती है।
भाव स्पष्ट कीजिए -
क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की
भाव - नायिका को यह भ्रम था कि उसके प्रिय अर्थात् मेघ नहीं आएँगे परन्तु बादल रूपी नायक के आने से उसकी सारी शंकाएँ मिट जाती है और वह क्षमा याचना करने लगती है।
निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं?
• धूल
• पेड़
• नदी
• लता
• ताल
1 धूल - स्त्री
2 पेड़ - नगरवासी
3 नदी - स्त्री
4 लता - मेघ की प्रतिक्षा करती नायिका
5 ताल - सेवक