सततपोषणीय विकास क्या हैं?
संसाधनों का उपयोग करने की आवश्यकता और भविष्य के लिए संरक्षण में संतुलन बने रखना सततपोषणीय विकास कहलाता हैं |संसाधनों को सावधानीपूर्वक उपययोग करना आवश्यक हैं ताकि ना केवल वर्तमान पीढ़ी अपितु भावी पीढ़ियों की अवश्यकताय भी पूरी होती रहें |
संसाधन संरक्षण क्या हैं?
संसाधन का सतर्कतापूवक उपयोग करना और उन्हें नवीकरण के लिए समय देना, संसाधन संरक्षण कहलाता हैं| उदहारण के लिए वर्षा के पानी को इकठ्ठा कर इसका प्रयोग अन्य कामो में करके संसाधन संरक्षण किया जा सकता हैं|
पृथ्वी पर संसाधन असमान रूप से क्यों वितरित हैं ?
प्राकृतिक संसाधनों का वितरण भूभाग, जलवायु, ऊँचाई जैसे अनेक भौतिक कारकों पर निर्भर करता हैl पृथ्वी पर इन कारकों में विभिन्ता होने के कारण संसाधनों का वितरण पृथ्वी पर आसमान रूप से होता हैl
क्रियाकलाप:
पानी राखिए बिन पानी सब सून
पानी गए न ऊबरे मोती मानुष चून
ये पंक्तियाँ अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक, कभी अब्दुल रहीम खानखाना द्वारा लिखी गई थीं।कवि किस प्रकार के संसाधन की ओर संकेत कर रहा है? इस संसाधन के समाप्त हो जाने पर क्या होगा? इसे 100 शब्दों में लिखिए।
कवि इसमें नवीकरणीय संसाधन जल की ओर संकेत कर रहा है। जल के समाप्त हो जाने के प्रभाव कुछ इस प्रकार होंगे-
(i) जल संचरण की क्रिया समाप्त हो जाएगी।
(ii) जीव-जंतु पानी की कमी के कारण धीरे-धीरे समाप्त होने लगेंगे।
(iii) पृथ्वी पर लोगों को सूखे की समस्या का सामना करना पड़ेगा।
(iv) पृथ्वी का तापमान तेज़ी से बढ़ने लगेगा।
(v) समुद्री मार्ग समाप्त हों जाएँगे।
(vi) कल-कारखाने बंद हों जाएँगे।
(vii) समुद्र में रहने वाले जीव-जंतु मर जाएँगे।
पानी के समाप्त होने का अर्थ है पृथ्वी पर से जीवन खत्म हो जाएगा।