चिले के पिन

संयुक्त राष्ट्र संघ में 'संयुक्त राष्ट्र महासभा' के क्या कार्य है?


संयुक्त राष्ट्र महासभा, 'संयुक्त राष्ट्र संघ' के संसद की तरह है, जहाँ हर तरह की बहस होती है। इस तरह संयुक्त राष्ट्र एक लोकतांत्रिक संस्था लगती है। लेकिन विभिन्न देशों के बीच में यदि कोई टकराव है, तो महासभा कोई कार्रवाई नहीं कर सकती।


ग्डांस्क शहर में लेनिन शीपयार्ड के मज़दूर 1980 में हड़ताल पर क्यों चले गए?


लेनिन शीपयार्ड के मज़दूर 14 अगस्त 1980 को हड़ताल पर चले गए। फैक्ट्री का सरकार द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया था । मजदूरों की मांग थी कि फैक्ट्री में पुन: क्रेन संचालक को वापस लाया जाय। वह एक महिला थी जिसे अन्याय पूर्वक नौकरी से हटा दिया गया था।


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चिले के पिनोशे के शासन एवं कम्यूनिस्ट(साम्यवादी) शासन (पोलैण्ड) में अंतर बताएँ?


  1. पिनोशे एक सेना का जनरल था तथा उसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त था । उसने 1973 में आयेंदे की चुनी हुई सरकार के खिलाफ विद्रोह किया । इससे चिले में लोकतांत्रिक शासन स्थापित हुआ।
  2. पिनोशे सरकार ने आयेंदे के सभी समर्थकों की हत्या करवा दी जो लोकतंत्र स्थापित करना चाहते थे।
  3. पोलैण्ड में 1980 में संयुक्त पोलीश यूनाइटेड वर्कस पार्टी का शासन था। कोई दूसरी पार्टी वहाँ कार्य नहीं कर सकती थी । पोलैण्ड की सरकार को सोवियत रूस का समर्थन प्राप्त था।
  4. परन्तु जब लेक वालेशा द्वारा चलाया गया आदोलन आगे बढ़ा तब वहाँ के मज़दूर अपने अधिकारों की मांग करने लगे।
  5. वालेशा और पोलिश सरकार के बीच एक समझौता हुआ जिसमें मुक्त चुनाव कराने पर विचार हुआ । 1990 में चुनाव हुए जिसमें कई दलों ने संघर्ष किया।

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सुरक्षा परिषद् कैसे संयुक्त राष्ट्र संघ को लोकतांत्रिक नहीं बनाता है?


परिषद् के 5 सदस्य स्थायी होते हैं बाकी 10 सदस्यों का चुनाव आम सभा दो वर्ष के लिए करती हैं। वास्तविक शक्ति 5 सदस्यों के हाथो में ही होती है। इन सदस्यों को वीटो अधिकार है। अगर कोई भी स्थायी सदस्य देश इस अधिकार का प्रयोग करता हैं तो सुरक्षा परिषद् उसकी मर्जी के खिलाफ फैसला नहीं कर सकती। इसलिए सुरक्षा परिषद् संयुक्त राष्ट्र संघ को लोकतांत्रिक नहीं बनाता।


आयेंदे कौन था?

 


1. आयेंदे चिले की सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक नेता था।
2. उसने चिले में एक 'पॉपुलर यूनिटी' गठबंधन बनाया तथा 1970 में चुनाव जीतकर चिले का राष्ट्रपति बना।
3. राष्ट्रपति रहते हुए उसने गरीबों एवं मजदूरों के लिए कई नियम बनाए।


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