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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए?

(क) 'गिरगिट' कहानी में पुलिस और जनता के सम्बंधों को कैसे दिखाया गया है?

(ख) शुद्ध सोना और गिननी के सोने में क्या अंतर है?

(ग) काठगोदाम के पास भीड़ क्यों इकट्ठी हो गई थी?

 

.(क)गिरगिटपाठ में पुलिस और जनता के  बीच संबंधों को अच्छा नहीं दिखाया गया है| जनता का पुलिस से विश्वास उठ गया है| पुलिस जनता को अपने स्वार्थ का साधन मानती है| अतः जनता भी पुलिस से कोई काम करवाना चाहती है, तो वह कोई और मजबूत सहारा ढूंढती है| इस तरह का संबंध कानूनी व्यवस्था की खिल्ली उड़ाते दिखाई देता है|

 

(ख) शुद्ध सोने का अर्थ होता है वह सोना जिसमें किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं की जाती| वह शुद्ध होता है|

गिन्नी के सोने में तांबे की मिलावट की जाती है|

 

(ग) ख्यूक्रिन नामक एक सुनार को कुत्ते ने काट लिया। उसने जैसे-तैसे कुत्ते की टाँग को पकड़कर रखा था।वह जोर जोर से चीख रहा था किमत जाने दोउसके चीखने की आवाज सुनकर काठगोदाम में भीड़ इकट्ठी हो गई|

 

 

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Q8.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

(क) 'गिरगिट' कहानी में पुलिस और जनता के सम्बंधों को कैसे दिखाया गया है?

(ख) शुद्ध सोना और गिननी के सोने में क्या अंतर है?

(ग) काठगोदाम के पास भीड़ क्यों इकट्ठी हो गई थी?


(क) ‘ गिरगिट’ पाठ में पुलिस और जनता के  बीच संबंधों को अच्छा नहीं दिखाया गया है| जनता का पुलिस से विश्वास उठ गया है| पुलिस जनता को अपने स्वार्थ का साधन मानती है| अतः जनता भी पुलिस से कोई काम करवाना चाहती है, तो वह कोई और मजबूत सहारा ढूंढती है| इस तरह का संबंध कानूनी व्यवस्था की खिल्ली उड़ाते दिखाई देता है|

 

(ख) शुद्ध सोने का अर्थ होता है वह सोना जिसमें किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं की जाती| वह शुद्ध होता है|

गिन्नी के सोने में तांबे की मिलावट की जाती है|

 

(ग) ख्यूक्रिन नामक एक सुनार को कुत्ते ने काट लिया। उसने जैसे-तैसे कुत्ते की टाँग को पकड़कर रखा था।वह जोर जोर से चीख रहा था कि ‘मत जाने दो’ उसके चीखने की आवाज सुनकर काठगोदाम में भीड़ इकट्ठी हो गई| 

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‘गिरगिट’ पाठ के शीर्षक का आधार पाठ में क्या दिया गया है? अपने शब्दों में उत्तर देते हुए कोई अन्य शीर्षक कारण सहित सुझाइए।
 

अथवा


‘गांधीजी के नेतृत्व में अद्भुत क्षमता थी’ −  कथन की पुष्टि ‘गिन्नी का सोना’ पाठ के आधार पर उदाहरण सहित कीजिए। 


इस कहानी का शीर्षक 'गिरगिट' रखा गया है क्योंकि गिरगिट समय के अनुसार अपने को बचाने के लिए रंग बदलता रहता है। उसी प्रकार इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव भी मौका परस्त है। पहले तो कुत्ते को भला- बुरा कहता है, गोली मारने की बात करता है परन्तु जनरल के भाई के कुत्ते होने का पता लगते ही वह बदल जाता है। उसके लिए मरियल कुत्ता 'सुन्दर डॉगी' हो जाता है और ख्यूक्रिन को बुरा भला कहने लगता है। वह गिरगिट की भांति रंग बदलता रहता है। इस पाठ का अन्य नाम 'बदलते रंग' रखा जा सकता है। इस पाठ में क्योंकि ओचुमेलॉव हर कदम पर रंग बदलता रहता है। कभी ख्यूक्रिन के पक्ष में होता है कभी कुत्ते के पक्ष में। यह नाम उसके बदलते स्वभाव को बहुत अच्छा प्रदर्शित करता है।
 

अथवा


गाँधीजी में नेतृत्व की अद्भुत क्षमता थी। उनका नेतृत्व ही था, जो विभिन्न धर्मों और संप्रदायों में बाँटा भारत एक हो गया और लोग आज़ादी पाने के लिए तत्पर हो गए। उन्होंने जब भी नेतृत्व किया, वे सफल रहे। उनके नेतृत्व के तले सभी धर्मों के लोगों ने अपना भरपूर सहयोग दिया। ऐसे अनेक उदाहरण हमारे सामने विद्यमान हैं, जब उन्होंने सफल नेतृत्व किया। दांडी मार्च ऐसा ही एक आंदोलन है। इसकी सफलता को भुलाया नहीं जा सकता है। भारत छोड़ो आन्दोलन, सत्याग्रह तथा असहयोग आन्दोलन उनके अद्भुत नेतृत्व को दर्शाते हैं। अपनी इसी क्षमता के बल पर उन्होंने पूर्ण स्वराज की स्थापना की।

 

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निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिएः
(क) ‘सआदत अली’ अंग्रेज़ों का हिमायती क्यों था? ‘कारतूस’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
(ख) ‘गिरगिट’ पाठ के आधार पर ओचुमेलाॅव की तीन चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
(ग) ‘कारतूस’ पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए कि वजीर अली एक नीतिकुशल योद्धा था। 


(क) सआदत अली वज़ीर अली का चाचा और नवाब आसिफउदौला का भाई था। सआदत अली अंग्रेज़ों का चमचा था।  अंग्रेज़ जानते थे कि यदि अवध को अपने अधिकार में लेना है, तो सआदत अली का तख्त पर बैठना आवश्यक है। वज़ीर अली के रहते अवध को अपने कब्जे में लेना संभव नहीं था।इसलिए ‘सआदत अली’ अंग्रेज़ों का हिमायती था|

(ख) ओचुमेलॉव की तीन चारित्रिक विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

1.अवसरवादी- ओचुमेलॉव अवसरवादी व्यक्ति है। अवसर का लाभ उठाना उसे बहुत अच्छा आता है। जब उसे पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब का है, तो वह तुरंत कुत्ते के पक्ष में बोलने लगता है। इससे पहले वह ख्यूक्रिन के पक्ष में बोल रहा था।

 

2. चापलूस- ओचुमेलॉव एक चापलूस व्यक्ति है। वह जनरल साहब की चापलूसी करने के लिए उन पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं करता है। जब तक वह इस सच से अनजान था कि कुत्ता जनरल साहब का नहीं है, तब तक वह कुत्ते के मालिक को सज़ा दिलाने के लिए तैयार था। परन्तु जनरल साहब का कुत्ता होने की बात पता चलने पर जनरल साहब के प्रति वफादर हो जाता है और कुत्ते को सकुशल घर भिजवा देता है।

 

 3. स्वार्थी- ओचुमेलॉव स्वार्थी व्यक्ति है। अपने स्वार्थ के लिए वह किसी का भी फायदा उठा सकता है। अपने पद की गरिमा भी उसे दिखाई नहीं देती है। उसके लिए अपना स्वार्थ महत्वपूर्ण है। लोगों का विश्वास, न्याय जैसी बातें उसके लिए बेकार हो जाती है।

 

(ग) वज़ीर अली एक नीतिकुशल योद्धा था। अंग्रेज़ी सरकार उसे पकड़ने के लिए हर संभव कोशिश कर रही थी परन्तु उसे पकड़ने में असमर्थ थी। वह जंगलों में इस कदर रहता था कि किसी के हाथ नहीं आया था। उसकी नीति कुशलता का ही प्रमाण है कि कुछ जाँबाज़ सिपाहियों के ही दम पर वह वर्षों तक अंग्रेज़ी सरकार को चकमा देता रहा।

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