पाठ के सन्दर्भ में शुद्ध आदर्श वह है जिसमें लाभ-हानि की गुंजाइश नहीं होती है। अर्थात् शुद्ध आदर्शों पर व्यावहारिकता हावी नहीं होती। जिसमें पूरे समाज की भलाई छिपी हुई हो तथा जो समाज के शाश्वत मूल्यों को बनाए रखने में सक्षम हो, वही शुद्ध आदर्श है।
शुद्ध सोना और गिन्नी का सोना अलग इसलिए होता है क्योंकि इसमें किसी प्रकार की मिलावट नही की जाती। यह पूरी तरह शुद्ध होता है गिन्नी के सोने में थोडा-सा ताँबा मिलाया होता है, इसलिए वह ज्यादा चमकता है और शुद्ध सोने से मजबूत भी होता है।
प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट उन्हें कहते हैं जो लोग आदर्श बनते हैं और व्यवहार के समय उन्हीं आर्दशों को तोड़ मरोड़ कर अवसर का लाभ उठाते हैं।
जापानी में चाय पीने की विधि को 'चा-नो-यू' कहते हैं जिसका अर्थ है - 'टी-सेरेमनी' और चाय पिलाने वाला 'चाजिन' कहलाता है।