भारत में राजनीतिक दलों म

भारत के किसी एक 'दबाव-समूह' का उदहारण दीजिए जो 'राजनीतिक दल' की एक शाखा के रूप में कार्य करता है। 


'राजनीतिक दल' की एक शाखा के रूप में 'दबाव-समूह' -
मजदूर संगठन / छात्र संगठन - आई0एन0टी0यू0पी0सी0, ए0आई0टी0यु0सी0ए0बी0वी0पी, एन0आई0एस0यू0

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'स्वयं सहायता समूह' कर्जदारों को ऋणाधार की कमी की समस्या से उबारने में सहायता करते हैं। कथन की परख कीजिए। 


स्वयं सहायता समूह की भूमिका -
(i) स्वयं सहायता समूह में बचत और ऋण गतिविधियों से सम्बंधित अधिकतर महत्त्वपूर्ण निर्णय समूह के सदस्य स्वयं करते हैं।
(ii) जब महिलाएं अपने आप को स्वयं सहायता समूह में संगठित कर लेती हैं तो बैंक भी इन गरीब महिलाओं को उनके पास कोई ऋणधार न होते हुए भी ऋण देने के लिए तैयार हो जाती है।
(iii) एक भी सदस्य अगर ऋण नहीं लौटाता तो समूह के अन्य सभी सदस्य इस मामले को गंभीरता से लेते हैं।
(iv) ऋण को लौटाने की जिम्मेदारी भी समूह की होती है।
(v) समूह के सदस्य एक दूसरे से सुपरिचित होते हैं। वे एक ही समाज से सम्बंधित होते हैं।

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किसी एक राजनीतिक दल का नाम लिखिए जिसका राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक संगठन है, परन्तु उसे राष्ट्रीय  राजनीतिक दल के रूप में मान्यता नहीं मिली है।


राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक संगठन होते हुए भी राष्ट्रीय दल न होने वाले राजनीतिक दल का नाम: समाजवादी पार्टी, समता पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल आदि।

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'राष्ट्रिय राजनीतिक दल' से क्या अभिप्राय है? राष्ट्रीय राजनीतिक दल बनने के लिए आवश्यक शर्तों का उल्लेख कीजिए।


'राष्ट्रिय राजनीतिक दल' :-
राष्ट्रीय राजनीतिक दल उन्हें कहा जाता है जिनकी विभिन्न राज्यों में इकाइयाँ हैं। ये इकाइयाँ राष्ट्रीय स्तर पर तय होने वाली नीतियों, कार्यक्रमों और रणनीतियों को ही मानती है।
आवश्यक शर्तें:-
(i) अगर कोई दल लोकसभा चुनावों में पड़े कुल वोट का अथवा चार राज्यों के विधान सभाई चुनाव में पड़े कुल वोटों का 6% हासिल करता है।
(ii) लोकसभा के चुनाव में कम से कम चार सीटों पर जीत दर्ज करता है तो इन शर्तों के पूरा करने पर वह राष्ट्रीय दल कहलाता है।

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भारत में राजनीतिक दलों में सुधार लाने के लिए किए गए किन्हीं पॉंच प्रयासों का वर्णन कीजिए। 


भारत में राजनीतिक दलों के सुधार के प्रयास -
(i) इस नयी व्यवस्था से लोगों को बहुत सी पक्की सूचनाएं उपलब्ध होने लगी हैं।
(ii) चुनाव आयोग ने एक आदेश के जरिए सभी दलों के लिए संगठित चुनाव कराना और आयकर का रिटर्न भरना आवश्यक कर दिया है।
(iii) विधायकों और सांसदों को दलबदल करने से रोकने के लिए संविधान में संशोधन किया गया।
(iv) उच्चतम न्यायलय ने पैसे और अपराधियों का प्रभाव कम करने के लिए एक आदेश जारी किया गया।
(v) चुनाव लड़ने वाले हर उम्मीदवार को अपनी संपत्ति के ब्यौरे का शपथ पत्र के माध्यम से देना अनिवार्य कर दिया गया।

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